डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने पिछले कुछ महीनों में देश में कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है। अब इस लिस्ट में शाओमी (Xiaomi) का बहुत लोकप्रिय एमआई ब्राउजर प्रो (Mi Browser Pro) शामिल हो गया है। ये ब्राउजर देश में सभी शाओमी, रेडमी और पोको स्मार्टफ़ोन के साथ पहले से इंस्टॉल आता है। इसके अलावा, बायडू (Baidu) के सर्च ऐप को भी देश में ब्लॉक कर दिया गया है। प्रतिबंधित चीनी ऐप्स की पहली सूची में Mi ब्राउज़र शामिल था।
क्या कहा शाओमी के प्रवक्ता ने?
Mi Browser पर प्रतिबंध पर टिप्पणी करते हुए, Xiaomi के एक प्रवक्ता ने indianexpress.com को बताया, 'Xiaomi भारतीय कानून के तहत सभी डेटा गोपनीयता और सुरक्षा आवश्यकताओं का पालन कर रहा है। हम इस डेवलपमेंट को समझने की दिशा में काम कर रहे हैं और आवश्यकतानुसार उचित कदम उठाएंगे।' बता दें कि भारत सरकार ने जून के अंत में 59 चीनी ऐप्स को भारत में बैन कर दिया था, जिसमें TikTok, ShareIt, UC Browser, Shein, Club Factory जैसे कई ऐप्स शामिल थे। इसके बाद भारत सरकार ने पिछले महीने 47 अन्य ऐप्स को बैन किया। इन ऐप्स के बारे में कहा गया कि ये पहले बैन किए गए 59 ऐप्स के क्लोन के तौर पर काम कर रहे हैं और इनसे यूजर्स के डेटा की सेफ्टी पर बड़ा खतरा है।
सरकार ने क्यो लगाया इन ऐप्स पर बैन?
जब सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स को बैन किया था तब सरकार ने दलील दी थी कि इन ऐप्स के जरिए चाइनीज कंपनी डेटा हैक कर सकती है। सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, ये ऐप्स भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है। सरकार ने इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69 ए के तहत इन चीनी ऐप्स को बैन किया था। सरकार के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से 130 करोड़ भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही थीं। सूचना मंत्रालय को मिल रही शिकायतों में कहा गया था कि ये ऐप्स गुपचुप और अवैध तरीके से यूजर का डेटा चोरी कर भारत के बाहर मौजूद सर्वर पर भेज रहे हैं।
किन 59 एप्स पर सरकार ने लगाया था बैन?
टिकटॉक, शेयरइट, क्वाई, यूसी ब्राउजर, बायडू मैप, शीइन, क्लैश ऑफ किंग्स, डीयू बैटरी सेवर, हेलो, लाइकी, यूकैम मेकअप, एमआई कम्यूनिटी, सीएम ब्राउजर्स, वाइरस क्लीनर, एपस ब्राउजर, रॉमवी, क्लब फैक्टरी, न्यूजडॉग, ब्यूट्री प्लस, वीचैट, यूसी न्यूज, क्यूक्यू मेल, वीबो, जेंडर, क्यूक्यू म्यूजिक, क्यू क्यू न्यूजफीड, बिगो लाइव, सेल्फी सिटी, मेल मास्टर, पैरलल स्पेस, एमआई वीडियो कॉल जियाओमी, वी सिंक, एएस फाइल एक्सप्लोरर,
वीवा वीडियो क्यूयू वीडियो इंक, माइटू, विको वीडियो, न्यू वीडियो स्टेटस, डीयू रिकॉर्डर, वॉल्ट हाइड, कैचे क्लीनर डीय एप स्टूडियो, डीयू क्लीनर, डीयू ब्राउजर, हेगो प्ले विद न्यू फ्रेंड्स, कैम स्कैनर, क्लीन मास्टर चीता मोबाइल, फोटो वंडर, क्यू क्यू प्लेयर, वी मीट, स्वीट सेल्फी, बायडू ट्रांसलेट, वीमेट, क्यूक्यू इंटरनेशनल, क्यू क्यू सिक्योरिटी सेंटर, क्यूक्यू लॉन्चर, यू वीडियो, वी फ्लाई स्टेटस वीडियो, मोबाइल लीजेंड्स और डीयू प्राइवेसी शामिल हैं।
चाइनीज ऐप के क्या है नुकसान?
केंद्र सरकार की ओर से प्रतिबंधित किए जाने वाले इन ऐप्स में अलग-अलग कैटिगरी के ऐप्स शामिल हैं। इनमें वीडियो कॉल, शॉर्ट वीडियो ऐप्स, ब्यूटी ऐप्स, ई-कॉमर्स ऐप, न्यूज से जुड़े ऐप्स, सिक्योरिटी और क्लीनर जैसे ऐप्स शामिल हैं। ये सभी ऐप्स चाइनीज कंपनी की ओर से बनाई गई है और हम सब इस बात से वाकिफ है कि चाइनीज कंपनी चाइनीज गवर्नमेंट के इशारे पर नाचती है। चाइनीज गवर्नमेंट एक तरह से डिक्टेटर की तरह काम करती है, क्योंकि वह कभी भी अपने खिलाफ किसी भी तरह का क्रिटिसिज्म बर्दाश्त नहीं कर सकती।
चाइनीज गवर्नमेंट को क्रिटिसाइज करने वाली चीज जब कभी भी चाइनीज प्लेनफॉर्म पर डाली जाती है तो गवर्नमेंट का प्रेशर हमेशा उस प्लेटफॉर्म को चलाने वाली कंपनी पर होता है। ऐसे कई मामले भी सामने आते रहे हैं। कुछ दिन पहले एक यूजर ने चाइनीज गवर्नमेंट को क्रिटिसाइज करने वाला वीडियो टिक टॉक पर बनाया था जिसके बाद उस यूजर के अकाउंट को कंपनी ने ब्लॉक कर दिया था। जब इस बात को लेकर विवाद हुआ तो टिक टॉक ने इसके लिए माफी मांगी। हलांकि इसके बावजूद इन कंपनियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
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